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बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 की धारा 4 की उपधारा 2 में इस विश्वविद्यालय के निम्नलिखित उद्देश्य और शक्तियाँ वर्णित हैं:-
(क) संस्कृत, पाली और प्राकृत विद्या तथा विद्या की ऐसी अन्य शाखाओं में, जिन्हें विश्वविद्यालय उचित समझे, डिग्री डिप्लोमा, प्रमाण-पत्र और अन्य शैक्षिक वरेण्यता (डिस्टिंक्शन) प्रदान करना।
(ख) खंड (क) में निर्दिष्ट विषय और भाषाओं की शिक्षा प्रदान करना।
(ग) परीक्षा आयोजित करना और ऐसे व्यक्तियों को डिग्रियां, डिप्लोमा, प्रमाण-पत्र और अन्य शैक्षिक वरेण्यताएँ प्रदान करना जो विनियमों में यथा अधिकथित शर्तें पूरी करते हों।
(घ) खंड (ग) में निर्दिष्ट परीक्षा से भिन्न कोई अन्य परीक्षा आयोजित करना, जिसे विश्वविद्यालय ठीक समझे तथा उसके लिये पाठ्यक्रम विहित करना और उसके परीक्षाफल के आधार पर प्रमाण-प्रत्र प्रदान करना।
(ड) परिनियमों में विहित रीति से अनुमोदित व्यक्तियों को सम्मानित डिग्रियां या अन्य वरेण्यताएँ प्रदान करना।
(च) ऐसी सम्पत्तियां और निधियां, जो विश्वविद्यालय को दी जाएं, संदान (डोनेशन) या न्यास के रूप में स्वीकार करना तथा दान, संदान या न्यास की शर्तों के अनुसार उनका उपयोग करना और लेखा रखना।
(छ) इस अधिनियम और परिनियमों के द्वारा या उनके अधीन यथाविहित फीस मांगना और प्राप्त करना।
(ज) परिनियम के उपबंधों के अनुसार विश्वविद्यालय-पुस्तकालय की स्थापना करना।
(झ) विश्वविद्यालय के विभागों, महाविद्यालयों या संस्थानों में स्नातकोत्तर शिक्षण और शोध कार्य का संचालन करना।
(ञ) विश्वविद्यालय की अपेक्षानुसार शिक्षण और शोध कार्य हेतु पद सृजन करना तथा उस अधिनियम द्वारा या उसके अधीन विहित रीति से ऐसे पदों पर व्यक्तियों की नियुक्ति करना।
(ट) इस अधिनियम और परिनियमों के उपबन्धों के अनुसार भ्रमणशील अध्येतावृत्तियों (ट्रैवलिंग फेलोशिप, छात्रवृत्तियाँ, छात्र-सहायता वृत्ति (एक्जिविशन), पारितोषिक, पदक, शील्ड, कप या ट्राफियाँ सहित फेलोशिप प्रदान करना।
(ठ) विश्वविद्यालय के छात्रों के आवास के लिए छात्रावास चलाना और ऐसे आवास के लिए ऐसे छात्रावासों को मान्यता देना जो विश्वविद्यालय द्वारा नहीं चलाये जाते हों।
(ड) इस अधिनियम के उद्देश्यों को अग्रसर करने के प्रयोजनार्थ अन्य निकायों या व्यक्तियों के साथ करार करना, जिसमें उनके अधीन किसी संस्था का प्रबन्ध संभालना तथा उसकी आस्तियों एवं दायित्वों का भार अपने ऊपर लेना भी शामिल है।
(ढ) अन्य विश्वविद्यालयों और संस्थाओं के साथ विश्वविद्यालय द्वारा यथावधारित रीति से सहयोग करना और ऐसे सभी अन्य कार्य और चीजें करना जो विश्वविद्यालय के उद्देश्यों को अग्रसर करने के प्रयोजनार्थ अपेक्षित हों।
(ण) महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय के छात्रों के आवास और अनुशासन का पर्यवेक्षण और नियन्त्रण करना और उनके स्वास्थ्य एवं सामान्य कल्याण के उन्नयन के लिए व्यवस्था करना तथा उस प्रयोजन के लिए परिनियमों और अध्यादेशों में यथाविहित समितियाँ नियुक्त और गठित करने की शक्ति प्राप्त करना।
(त) विनियमों द्वारा विहित पाठ्यक्रमों को अनुमोदित करना।
(थ) संस्कृत साहित्य की ग्रन्थसूची तैयार करना और रखना।
* Ministry of Human Resource Development
* University Grants Commission (UGC)
* Govt of Bihar Education Department